आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ जय अंजनि कुमार बलवन्ता, शंकर सुवन वीर हनुमन्ता । नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥ लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।जात पवनसुत बार न लाई॥ श्री राम https://laxmi56653.bloggerbags.com/38054686/what-does-bajrang-baan-mean