कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥ माँ री माँ वो डमरू वाला, तन पे पहने मृग की छाला। ॥ शंकर मेरा प्यारा, शंकर मेरा प्यारा…॥ शिव के रहते कैसी चिंता, साथ रहे प्रभु आठों याम जय जय जय https://winbet-casino45314.thebindingwiki.com/7709103/facts_about_shiv_chaisa_revealed