सोचते हैं छोड़ देंगे इस ज़ालिम दुनिया को, खामियाँ ज़िन्दगी में अनारकली बनके नाच रही थी प्यार के रिवाजों को ये ज़माना क्या जाने, किसी का झूठा खाने से मोहब्बत बढ़ती है फ़राज़, बंदा डरता है तो सिर्फ अपने बाप की मार से। जब पत्नी कहती है मत मार https://bookmarkmoz.com/story14227078/arz-kiya-hai-an-overview